कौन है बाबा साईं ???
ये समझाया और समझा जा नहीं सकता है....
पर इतनी बात तो पक्की है कि मेरा साईं मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च में नहीं है....
मेरा साईं मूर्ति, पत्थर या कागज़ में नहीं है....
मेरा साईं भगवा कपड़ों में नहीं है....
मेरा साईं नदियों, गुफाओं या पहाड़ों में भी नहीं है....
फिर कहाँ है मेरा साईं, मेरा बाबा ???
चलो मैं ही बताता हूँ...
मेरा साईं हर किसी के अन्दर है..
मेरे साईं एक विशवास है....एक नियम है....एक एहसास है....एक सच है..
जिस मन में साईं है ...वो मन ही मंदिर है..
किसी में भी साईं जैसे गुणों का होना ही साईं का होना है..
जैसे सूरज औरों के लिए जलता है..
जैसे जल औरों को जीवन देता है..
जैसे हवा औरों को सकून देती है..
जैसे धरती माँ औरों को सब कुछ देती है..
जैसे पेड़ अपने फल औरों को देते है..
ठीक वैसे ही जो इन्सान सब औरों के लिए करता है..
वो ही साईं है |
ॐ साईं राम
मैं कितना भी कर लूं साईं के लिए
फिर भी मैं ये मोल न चुका पाउँगा
इतना है क़र्ज़ मेरे साईं का
मैं सात जन्म भी न चुका पाउँगा
कितने है उपकार मुझ पर साईं के
वो मुझे क्या से क्या बना गए
बाबा को सिर्फ देना आता है लेना वो जानते नही अगर जानते हैं तो वो है सिर्फ भक्तों का प्यार बस ये ही वो एक चीज़ है जो बाबा को हम में जिंदा रखती है| क्या खूब कहा है बाबा के दीवानों ने....
खूब कमा ले रुपया पैसा ये हीरे मोती
याद रख मगर बन्दे कफ़न में जेब नही होती |
ये इसलिए कहा गया है क्योकि बाबा के चोले में जेब नही होती थी, वो हमेशा सफ़ेद रंग का ही चोला पहनते थे |
आप सभी को वर्ल्ड ऑफ साँई ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा
किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 15
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नारदीय कीर्तन पदृति , श्री. चोलकर की शक्कररहित चाय , दो छिपकलियाँ ।
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ॐ साईं राम
मैं दास तुम दाता साईं
सबके भाग्य विधाता साईं,
हम भक्तों से खफा न होना
हर पल ये मनाता साईं.
सुख दुःख तो रीत है दुनिया की
पर तुम हो तो एक संबल है,
बाबा तेरे भरोसे कायम
हम भक्तों का आत्मबल है.
सर पे हाथ दया का धर दो
बाबा कहीं हौसला टूट न जाए
तेरे सहारे चलता हुआ रही
बीच राह कहीं लुट न जाए
ॐ साईं राम
चाहे श्री साईं बाबा आज समाधिस्थ हैं , फिर भी वे हमारी उसी तरह से ही सहायता करते है जैसे समाधि से पूर्व करते थे | केवल भक्त की पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए | चाहे श्री साईं बाबा ने मानुष देह त्याग दी हो , फिर भी भक्त यदि श्रद्धा सहित शरणागत हो जाते हैं, तो बाबा की समाधि भी बाते करती है और हमें आशाएं बंधाती है -- शुभ आशाएं संचारित करती है |
ॐ साईं राम
मेरे साईं मेरे बाबा
बढता जाता है कुछ अजीब सा एहसास,
नहीं कोई भी मेरे साथ,
बस एक तेरी दिल को आस,
मेरे सांई मेरे बाबा....कहां हो तुम
छुटता जाता है कुछ रिश्तों का साथ,
नहीं बढ़ाता कोई अपना हाथ,
बस एक तेरी ही नज़र की प्यास,
मेरे सांई मेरे बाबा....कहां हो तुम
दिखाई देती है हर खुशी भी उदास,
रूकी-रूकी सी आती है हर सांस
बस एक तेरी ही है तलाश,
मेरे सांई मेरे बाबा....कहां हो तुम
जय सांई राम !!!
मेरे साईं मेरे बाबा
जय सांई राम !!!
ॐ साईं राम
साईं के नाम से डर
तू इतना जुल्म न कर
जिससे है तू बेखबर
उसकी हर पल तुझ पर है नज़र
वो रखता तेरी हर पल खबर
इतना न हो बेफिकर
कर उस प्यार की तू कदर
ॐ साईं राम
साईं तेरा साथ मिला
जीवन से अब नहीं गिला
बाबा तेरी भक्ति पाई
दुख सहने की शक्ति पाई
मन में जागी श्रद्धा पूरी
सब्र किया और पाई सबूरी
श्री चरणों में डाला डेरा
दामन थाम लिया बस तेरा
भेद भाव की तोड दिवार
तुझ से कर ली आंखे चार
कर्ता पन का भाव छोडकर
मैं पन की तलवार तोड कर
तुझ से प्रीत लगाई साईं
थामें रहना सर्व सहाई
परम प्रिय हे साईं हुज़ूर
खुद से ना अब करना दूर
कभी छोडना ना तुम साथ
वरना जी ना पाएंगे हम नाथ
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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.