साईं बाबा के अनन्य भक्त दासगणु जी ,,,दासगणु जी का असली नाम ''गणपत राव
दतात्रेय सह्स्र्बुधे'' था सन १८९० में दासगणु जी पुलिस में एक कंसटेबल
के पद पर कार्यरत थे ,,,बाबा जी के सानिध्य में आने के बाद
सन १९०३ में दासगणु जी ने नौकरी छोड़ दी और साईं बाबा जी के नाम को घर घर पहुचने के लिए महाराष्ट्र में घूम घूम कर साईं कीर्तन करना शुरू कर दिया...बाबा जी की कृपा से दासगणु जी को कभी धन भोजन वस्त्र और घर का आभाव कभी नहीं हुआ बाबा जी की ही कृपा से उन्होंने कुछ जमीन खरीद कर पर्याप्त धन भी इकठा कर लिया था....एक अवसर पर दासगणु जी गोदावरी जाने की इछा रखकर बाबा जी से कहा ''बाबा आज महाशिवरात्रि है '' में सिंगवा जा कर गंगा सनान करना चाहता हूँ !!! बाबा जी ये सुन कर बोले वहाँ जाकर क्या करोगे? ये सुन कर दासगणु जी उदास हो गए बाबा जी फिर बोले गंगा तो यहाँ ही है मेरे चरणों में | बाबा ने दासगणु को अपने समीप बुलाया और कहा दोनों हाथ जोड़ कर जिस प्रकार परसाद लेते हो अपनी अंजुली को मेरे चरणों के पास लाओ ! दासगणु जी ने वैसा ही किया तभी चमत्कार हुआ बाबा जी के श्री चरणों से गंगा जल की पतली धारा फुट पड़ी और दासगणु जी की अंजुली गंगा जल से भर गयी ,,,बाबा जी की आरती ''शिर्डी माझे पंडरपुर , साईं बाबा रमावर '' की रचना दासगणु जी ने ही करी थी ,,,,बाबा जी के चरणों में दास दीपक की प्राथना है बाबा हम सभी भक्तो को भी अपने भक्तो में शामिल कर लो ,,,,ॐ जय साईं राम
सन १९०३ में दासगणु जी ने नौकरी छोड़ दी और साईं बाबा जी के नाम को घर घर पहुचने के लिए महाराष्ट्र में घूम घूम कर साईं कीर्तन करना शुरू कर दिया...बाबा जी की कृपा से दासगणु जी को कभी धन भोजन वस्त्र और घर का आभाव कभी नहीं हुआ बाबा जी की ही कृपा से उन्होंने कुछ जमीन खरीद कर पर्याप्त धन भी इकठा कर लिया था....एक अवसर पर दासगणु जी गोदावरी जाने की इछा रखकर बाबा जी से कहा ''बाबा आज महाशिवरात्रि है '' में सिंगवा जा कर गंगा सनान करना चाहता हूँ !!! बाबा जी ये सुन कर बोले वहाँ जाकर क्या करोगे? ये सुन कर दासगणु जी उदास हो गए बाबा जी फिर बोले गंगा तो यहाँ ही है मेरे चरणों में | बाबा ने दासगणु को अपने समीप बुलाया और कहा दोनों हाथ जोड़ कर जिस प्रकार परसाद लेते हो अपनी अंजुली को मेरे चरणों के पास लाओ ! दासगणु जी ने वैसा ही किया तभी चमत्कार हुआ बाबा जी के श्री चरणों से गंगा जल की पतली धारा फुट पड़ी और दासगणु जी की अंजुली गंगा जल से भर गयी ,,,बाबा जी की आरती ''शिर्डी माझे पंडरपुर , साईं बाबा रमावर '' की रचना दासगणु जी ने ही करी थी ,,,,बाबा जी के चरणों में दास दीपक की प्राथना है बाबा हम सभी भक्तो को भी अपने भक्तो में शामिल कर लो ,,,,ॐ जय साईं राम
विशेष आभार :
बाबा के परम भक्त श्री दीपक खरबंदा जी
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बाबा के परम भक्त श्री दीपक खरबंदा जी
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