ॐ सांई राम
दुःख को बोझ समझने वाले, कौन तुझे समझाये
साईं तेरी खातिर खुद पर, कितना बोझ उठाये
वो ही है तेरे प्यार का मालिक, वो ही तेरे संसार का मालिक
हैरत से तू क्या तकता, है दीपक बुझकर जल सकता है
वो चाहे तो रात को दिन और, दिन को रात बनाये
साईं तेरी खातिर खुद पर, कितना बोझ उठाये
तन में तेरा कुछ भी नहीं है, शाम सवेरा कुछ भी नहीं है
दुनिया की हर चीज़ उधारी, सब जायेंगे बारी बारी
चार दिनों के चोले पर तू ,क्यों इतना इतराये
साईं तेरी खातिर खुद पर, कितना बोझ उठाये
देख खुला है इक दरवाज़ा, अन्दर आ कर ले अन्दाज़ा
पोथी पोथी भटकने वाले, पड़े हैं तेरी अक्ल पे ताले
कब लगते हैं हाथ किसी के, चलते फिरते साये
साईं तेरी खातिर खुद पर कितना बोझ उठाये
साईं तेरी खातिर खुद पर, कितना बोझ उठाये
वो ही है तेरे प्यार का मालिक, वो ही तेरे संसार का मालिक
हैरत से तू क्या तकता, है दीपक बुझकर जल सकता है
वो चाहे तो रात को दिन और, दिन को रात बनाये
साईं तेरी खातिर खुद पर, कितना बोझ उठाये
तन में तेरा कुछ भी नहीं है, शाम सवेरा कुछ भी नहीं है
दुनिया की हर चीज़ उधारी, सब जायेंगे बारी बारी
चार दिनों के चोले पर तू ,क्यों इतना इतराये
साईं तेरी खातिर खुद पर, कितना बोझ उठाये
देख खुला है इक दरवाज़ा, अन्दर आ कर ले अन्दाज़ा
पोथी पोथी भटकने वाले, पड़े हैं तेरी अक्ल पे ताले
कब लगते हैं हाथ किसी के, चलते फिरते साये
साईं तेरी खातिर खुद पर कितना बोझ उठाये
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा की कृपा आप पर सदा बरसती रहे ।
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