ॐ सांई राम
शिर्डी में काला बाज़ारी...
जितने भी भक्त शिर्डी में बाबा जी के दर्शनों के लिये जाते है, उन्हे आज कल एक नई और बहुत ही भयानक बीमारी का सामना करना पड़ रहा है, और वो बीमारी है काला बाज़ारी, शिर्डी के दुकानदारो ने एक अपना ही कानून बना रखा है जिससे ऐसा व्यतीत होता है की हम हिन्दुस्तान की सरहद पार कर के किसी दूसरे मुल्क मे आ पहुँचे है, अभी हाल ही में 27 मार्च से 29 मार्च तक मुझे शिर्डी मे बाबा जी के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हुआ, पर बाबा जी के दर्शनों को छोड़ कर सब कुछ ही विचित्र सा विस्मित हुआ, ऐसा लगा जैसे की मैं वीसा ले कर किसी तानाशाह देश के भ्रमण हेतु पधारा हू..
सभी कुछ सामान तो वहाँ के दुकानदार अपनी मर्ज़ी के दामों पर सरेआम बेचतें है, जैसे की हर इंसान के जरूरत की मूल वस्तु पानी को ही ले लिजिये.. प्रिंट रेट अगर 12 का है तो वो लोग आपसे 15 रूपयें वसूलते है.. एक उदाहरण और लिजिये.. मैने एक भोजनालय से thums up की 500 मि. ली. की बोतल मांगी तो उन जनाब ने मुझसे 35 रूपये की मांग की जब मैने उस बोतल पर अंकित अधिकतम खुद्रा मुल्य (25 रूपये ) के बारे में उन्हे अवगत करवाया तो कहने लगे की आपको यदि लेना हो तो लो वरना रहने दो, जैसा की हमारे देश का कानून कहता है की अधिकतम खुद्रा मूल्य से अधिक दाम दे कर कुछ भी सामान ना ले, इस पर मैने भी उनसे इस जानकारी से अवगत करवाने और उनको इस बात से परिचित होने के लिये कहा तो उन्होने कहा की हमें इन सब से कुछ मतलब नहीं अपितु उन्होने मुझसे thums up की बोतल छीन ली, मैने भी अपने अधिकारो को इस्तेमाल् करने हेतु उन से उस रकम का बिल माँगा, तो और अधिक ताज्जुब हुआ यह जान कर कि काला बाज़ारी का ज़हर इस हद तक उन लोगो की नसों मे घर कर चुका है की 25 रूपये की वस्तु को वो सरेआम 35 रूपये में बेच रहे है और जब उनसें उसका बिल माँगा गया तो उन 35 रूपये पर भी TAX की बात ने मुझे और चौँका दिया..
कौन से देश का कानून है जिसे शिर्डी के दुकानदार अपनी मर्जी से अपना कर अपना ही एक नया देश बना कर भोले भाले भक्तों की जरूरत का फायदा उठा रहे है...
ऐसा ही एक और वाकिया मेरे साथ हुआ जब मेरी बच्ची ने मुझसे MAAZA की बोतल की मांग की, उस बोतल पर भी कुछ ऑफर था जिसमें 10 रूपये की छूट थी पर जनाब उस दूकानदार ने तो मुझे नई english पढ़वाई, कहा की 40 रूपये के खुद्रा मूल्य से 10 रूपये अधिक देने होंगे और फिर भी जनाब ने मुझसें 60 रूपये की मांग कर डाली, मैने भी अनपढ़ बनते हुये कहा कि भाई साहाब आप तो आपके हिसाब से भी 10 रूपये अधिक की मांग कर रहे थे, तो कहने लगे की यहा वैसे ऐसे ही सब कुछ तय मूल्य से अधिक दामों पर मिलता है..
अब एक दो उदाहरण हो तो बोलूँ, अब आप भी एक बार वीसा लेकर शिडी के दर्शन कर आईये..
जिन लोगों ने बाबा जी के जीवन काल में बाबा जी का सम्मान नहीं किया जो परमपिता परमेश्वर तो है ही एवम तीनो लोकों के स्वामी भी है.. तो आप उनसें किसी भी तरह की इंसानियत की उम्मीद तो ना रखियेगा.. जिन लोगो को आज भी बाबा जी के आशिर्वाद से रोज़ी-रोटी नसीब हुई है वो भी अपनी रंगत दिखा रहे है... और जो बाहर से आ कर वहाँ पर अपना कारोबार शुरू करता है वो भी उन्हीं के रंग मे रंग कर वहाँ पहुँचे बाबा जी के प्रिये भक्तों को अपना शिकार बनाते है...
क्या कोई है जो मेरे साथ इस बात को शिर्डी संस्थान के साथ-साथ, भारत सरकार के कानों तक इस कालाबाज़ारी की बीमारी के इलाज़ की गुहार लगा सकें..
यह मैने अपने लिये नही लिखा है, अपितु उन भक्तों के लिये लिखा है जो इन सब से परेशान तो है पर लाचार भी है......
किसी को आहत ना करने की ठानी दी पर किसी का दिल दुखा हो तो क्षमा प्रार्थी हूँ..
ॐ साँई राम जी
आनन्द साँई