एक अरदास साँई जी से....
ॐ साईं राम
सदा सदा साईं पिता मन में करो निवास,
सच्चे हृदय से करूँ तुम से यह अरदास |
कारण करता आप हो सब कुछ तुमरी दात,
साईं भरोसे मैं रहूँ तुम ही हो पितु मातु |
विषयों में मैं लीन हूँ पापों का नहीं अंत,
फिर भी मैं तो तेरा हूँ राख लियो भगवंत |
राख लियो हे राखन हारा साईं ग़रीब नवाज़,
तुझ बिन तेरे बाल के कौन सवारे काज |
दया करो दया करो दया करो मेरे साईं,
तेरे सिवा मेरा कौन है बाबा इस जग माहीं |
मैं तो कुछ भी नहीं हूँ सब कुछ तुम हो नाथ,
बच्चों के सर्वस्व प्रभु तुम सदा रहो मेरे साथ |
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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.