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Saturday 29 June 2013

श्री गुरु अमर दास जी – साखियाँ - रानी का पागलपन दूर करना

श्री गुरु अमर दास जी – साखियाँ - रानी का पागलपन दूर करना



सावण मल की प्रेरणा से हरीपुर के राजा व रानी गुरु अमरदास जी के दर्शन करने के लिए गोइंदवाल आए| सावण मल ने माथा टेककर गुरु जी से कहा कि महाराज! हरीपुर के राजा व रानी आपके दर्शन करने के लिए आए हैं|

गुरु जी ने आगे से कहा राजा पहले लंगर से प्रसाद खाकर हमारे पास आए, अगर उसकी रानियाँ भी आना चाहे तो पहले व सफेद वस्त्र पहनकर आए| याद रहे ना ही कोई रंगदार वस्त्र पहने और ना ही कोई मूँह ढ़के| राजा व रानी ने गुरु जी का आज्ञा का पूरी तरह से पालन किया| परन्तु एक रानी ने गुरु जी के पास बैठे हुए एक सिख को देखकर घूँघट निकाल लिया| गुरु जी उसको देखकर कहने लगे ये पागल किसलिए आई है क्या इसको हमारे दर्शन करने अच्छे नहीं लगते? आप जी के ऐसे वचन सुनकर रानी ने अपनी सुध - बुध खो ली व चीखें मारती हुई बाहर को भाग गई| यह देखकर राजा बड़ा चिंतित हुआ|

गुरु जी ने सावण मल को वह वर शक्ति फिर प्रदान कर दी और कहा कि हरीपुर जाकर गुरु सिखी का प्रचार करो| फिर कभी इस शक्ति का अहंकार ना करना| उसी पागल रानी की शादी गुरु जी ने अपने एक सिख सचन के साथ कर दी जो कि लंगर के लिए लकडियां लाता था| गुरु जी ने अपनी कृपा दृष्टि से पागल रानी को भी ठीक कर दिया|

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.