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Tuesday 30 July 2013

कुछ पल, उसके लिए....



गुड मार्निंग,

तुम जैसे ही सो कर उठे, तो मुझे लगा कि तुम मुझसे बात करोगे। मुझे लगा कि तुम कल य पिछले हफ्ते हुई किसी चीज़ के लिये मुहे थैंक्स कहोगे। लेकिन तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है। फिर जब तुम अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे, तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो, तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात ही नहीं की। एक मौका ऐसा भी आया जब तुम बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं ही बैठे रहे, लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया। दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-उधर देख रहे थे, तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दिन का अब भी काफी समय बचा था। मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी, लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में बिज़ी हो गये।

जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे। तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को गुड नाईट कहा और चुपचाप चादर ओढ़्कर सो गये।

मेरा बड़ा मन था कि मैं भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं, तुम्हारे साथ कुछ मस्ती करूँ, तुम्हारी कुछ सुनूं, तुम्हे कुछ बताऊँ, लेकिन मैं मन मार कर ही रह गया।

मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ। हर रोज़ मैं इस बात का इंतज़ार करता हूँ कि काश आज तुम किसी अच्छे काम के लिये मुझे थैंक्स कहोगे, मेरा ध्यान करोगे लेकिन क्या करूँ, इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ। खैर कोई बात नहीं, हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये।

तुम्हारा दोस्त

ईश्वर 

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.