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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Thursday, 31 May 2012

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 10

ॐ सांई राम

आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 10
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श्री साईबाबा का रहन सहन, शयन पटिया, शिरडी में निवास, उनके उपदेश, उनकी विनयशीनता, सुगम पथ ।

कितने खुशनसीब थे वो लोग

ॐ सांई राम

कितने  खुशनसीब  थे  वो  लोग
जो  तेरे  साथ  रहे  होंगे  साईं
जिनके  दुःख  दर्द  तूने  खुद  सहे  होंगे  साईं

Wednesday, 30 May 2012

खबर लो हमारी दया हो तुम्हारी

ॐ सांई राम
खबर लो हमारी दया हो तुम्हारी सुनो साईं बाबा
पिला दो पिला दो प्रेम का प्याला करो पूरी आशा

Tuesday, 29 May 2012

मन में तू है तन में तू साईं रोम रोम जीवन में तू

ॐ सांई राम

मन में तू है तन में तू साईं रोम रोम जीवन में तू
गीतों में तू है सुरों में तू साईं भक्तों की साँसों में तू

Monday, 28 May 2012

साईं बाबा के अनन्य भक्त दासगणु जी

ॐ सांई राम
साईं बाबा के अनन्य भक्त दासगणु जी ,,,दासगणु जी का असली नाम ''गणपत राव दतात्रेय सह्स्र्बुधे'' था सन १८९० में दासगणु जी पुलिस में एक कंसटेबल के पद पर कार्यरत थे ,,,बाबा जी के सानिध्य में आने के बाद

मन में उसकी ज्योत जला ले

ॐ सांई राम
मन में उसकी ज्योत जला ले, उसको अपना मीत बना ले
करदे अपना सारा जीवन, रे मन उसके नाम
साईं राम साईं राम साईं राम साईं राम

Sunday, 27 May 2012

Saturday, 26 May 2012

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता

ॐ सांई राम

लोग कहते हैं ज़मीं पर किसी को खुदा नहीं मिलता
शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम-सा नहीं मिलता

एक छोटी सी गुज़ारिश

ॐ सांई राम

देवो के देव
हर हर महादेव
।। एक छोटी सी गुज़ारिश  ।।
आप सभी को संकेत दिया जा रहा है कि वर्तमान में  Life OK सैटेलाईट  TV चैनल पर आजकल जो देवो के देव महादेव, भव्य धारावाहिक प्रदर्शित किया जा रहा है वे न केवल अति उत्तम भव्यता को संजोये हुए है बल्कि महादेव जी के अद्भुत चरित्र के वर्णन कर्ता का भी चरित्र बखूबी निभा रहा है।

Friday, 25 May 2012

मुश्किलें आती है, परेशानिया आती है

ॐ सांई राम
मुश्किलें आती है, परेशानिया आती है .
ज़िन्दगी जीना वोह हमको सिखाती है .
रात हुयी है तो दिन जरुर आएगा

Thursday, 24 May 2012

Shree Sai Baba ji never misused his power

ॐ सांई राम


Once, at noon the fire in the dhooni began to burn brightly.


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 9


ॐ सांई राम


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 9
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विदा होते समय बाबा की आज्ञा का पालन और अवज्ञा करने के परिणामों के कुछ उदाहरण, भिक्षा वृत्ति और उसकी आवश्यकता, भक्तों (तर्खड कुटुम्व) के अनुभव
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गत अध्याय के अन्त में केवल इतना ही संकेत किया गया था कि लौटते समय जिन्होंने बाबा के आदेशों का पालन किया, वे सकुशल घर लौटे और जिन्होंने अवज्ञा की, उन्हें दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा । इस अध्याय में यह कथन अन्य कई पुष्टिकारक घटनाओं और अन्य विषयों के सात विस्तारपूर्वक समझाया जायेगा ।

Wednesday, 23 May 2012

मुझे मेरा साईं लागे सबसे अमीर रे

ॐ सांई राम

कोई कहे संत तुझको कोई फकीर रे
मुझे मेरा साईं लागे सबसे अमीर रे

Tuesday, 22 May 2012

Why fear when I am here?


ॐ सांई राम
*** Shree Sai Baba ***
Why fear when I am here?
Have patience and faith in me.
You have to get everything from me.

Monday, 21 May 2012

साईं तेरे मंदिर की मैं घन्टी बन कर आऊँ

ॐ सांई राम

व्यर्थ गवाया इस जीवन को पुनर्जन्म जब पाऊँ
साईं तेरे मंदिर की मैं घन्टी बन कर आऊँ

Sunday, 20 May 2012

साईं की दीवानी बन नाचूंगी

ॐ सांई राम
 
कोई कहे मुझे कमली कमली कोई कहे दीवानी
मैं साईं में साईं मुझमें यह प्रीत पड़ी समझानी

Saturday, 19 May 2012

Shani Jayanti on 20th May 2012..


ॐ सांई राम



Shani Jayanti is considered to be the day on which Lord Shani was born or appeared on earth. This day is also known as Shanishchara Jayanti or Sani Jayanthi.



Friday, 18 May 2012

सब का मालिक एक है||


ॐ सांई राम

श्रद्धा और सबुरी तुने मंत्र बताये
तेरे दर से कोई खाली न जाये||
धर्म सभी के नेक है,
रास्ते सभी के अनेक है,
पर सब की मंजिल एक है
अज दिन चढ्या, साईं रंग वरगा |
फूल सा है खिला, आज दिन
सब का मालिक एक है||

Thursday, 17 May 2012

मेरी घोडी खो गई बाबा ! ढूँढ-ढूँढ मैं हारा

ॐ सांई राम

मेरी घोडी खो गई बाबा ! ढूँढ-ढूँढ मैं हारा,
तीन दिनों से उसके पीछे, फिर रहा मारा-मारा..
घोडी मेरा जीवन था, चलता था उससे गुजारा,

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 8


ॐ सांई राम

आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |

हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |

हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|


श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 8
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मानव जन्म का महत्व, श्री साईबाबा की भिक्षा-वृत्ति, बायजाबई की सेवा-शुश्रूशा, श्री साईबाबा का शयनकक्ष, खुशालचन्त पर प्रेम ।
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जैसा कि गत अध्याय में कहा गया है, अब श्री हेमाडपन्त मानव जन्म की महत्ता को विस्तृत रुप में समझातेहैं । श्री साईबाबा किस प्रकार भिक्षा उपार्जन करते थे, बायजाबाई उनकी किस प्रकार सेवा-शुश्रूशा करती थी, वे मसजिद में तात्या कोते और म्हालसापति के साथ किस प्रकार शयन करते तथा खुशानचन्द पर उनका कैसा स्नेह था, इसका आगे वर्णन किया जायेगा ।

Wednesday, 16 May 2012

दिखा दो इक बार, मुझे अपनी सुहानी शिर्डी


ॐ सांई राम


दिखा दो इक बार, मुझे अपनी सुहानी शिर्डी
सुना है कि जन्नत से कम नहीं तुम्हारी शिर्डी
रहम कीजिये मेरा जहाँ में कोई ना
कि दर पे तुम्हारे कमी है कोई ना
कमी है कोई ना,
रहम कीजिये मेरा जहाँ में कोई ना

Tuesday, 15 May 2012

ज़रा जप ले साईं का नाम

ॐ सांई राम


ज़रा जप ले साईं का नाम
तू भव से तर जाए
बन्दे तेरी तकदीर
पल में ही संवर जाए

Monday, 14 May 2012

मेरी आँखों में तेरा चेहरा है

ॐ सांई राम

मेरी आँखों में तेरा चेहरा है
दिल तड़पता है दर्द गहरा है

Sunday, 13 May 2012

शिर्डी वाले तू ओ शिर्डी वाले

ॐ सांई राम

शिर्डी वाले तू ओ शिर्डी वाले, सिर्फ इतना मुझे दान दे दे
अपने चरणों में स्थान दे दे

Saturday, 12 May 2012

प्यार की भाषा साईं ने हिन्दू मुस्लिम को सिखलाई

ॐ सांई राम
अवतार लिया मेरे साईं ने

साईं ने मेरे साईं ने

शिर्डी तभी तीरथ कहलाई

प्यार की भाषा साईं ने

हिन्दू मुस्लिम को सिखलाई


Friday, 11 May 2012

श्री दासगणु महाराज कृत श्री सांईनाथ स्तवन मंजरी


-ॐ सांई राम-

श्री दासगणु महाराज कृत श्री सांईनाथ स्तवन मंजरी

हिन्दी अनुगायन
ठाकुर भूपति सिंह
॥ॐ श्री गणेशाय नमः॥
॥ॐ श्री सांईनाथाय नमः॥
मयूरेश्वर जय सर्वाधार। सर्व साक्षी हे गौरिकुमार।
अचिन्त्य सरूप हे लंबोदर। रक्षा करो मम,सिद्धेश्वर॥1॥

Thursday, 10 May 2012

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 7

ॐ सांई राम

आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|
श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 7
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अदभुत अवतार । श्री साईबाबा की प्रकृति, उनकी यौगिक क्रयाएँ, उनकी सर्वव्यापकता, कुष्ठ रोगी की सेवा, खापर्डे के पुत्र प्लेग, पंढरपुर गमन, अदभुत अवतार
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श्री साईबाबा की समस्त यौगिक क्रियाओं में पारंगत थे । 6 प्रकार की क्रियाओं के तो वे पूर्ण ज्ञाता थे । 6 क्रियायें, जिनमें धौति ( एक 3 चौड़े व 22 ½ लम्बे कपड़े के भीगे हुए टुकड़े से पेट को स्वच्छ करना), खण्ड योग (अर्थात् अपने शरीर के अवयवों को पृथक-पृथक कर उन्हें पुनः पूर्ववत जोड़ना) और समाधि आदि भी सम्मिलित हैं । यदि कहा जाये कि वे हिन्दू थे तो आकृति से वे यवन-से प्रतीत होते थे । कोई भी यह निश्चयपूर्वक नहीं कह सकता था कि वे हिन्दू थे या यवन । वे हिन्दुओं का रामनवमी उत्सव यथाविधि मनाते थे और साथ ही मुसलमानों का चन्दनोत्सव भी । वे उत्सव में दंगलों को प्रोत्साहन तथा विजेताओं को पर्याप्त पुरस्कार देते थे । गोकुल अष्टमी को वे गोपाल-काला उत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाते थे । ईद के दिन वे मुसलमानों को मसजिदमें नमाज पढ़ने के लिये आमंत्रित किया करते थे । एक समय मुहर्रम के अवसर पर मुसलमानों ने मसजिद में ताजिये बनाने तथा कुछ दिन वहाँ रखकर फिर जुलूस बनाकर गाँव से निकालने का कार्यक्रम रचा । श्री साईबाबा ने केवल चार दिन ताजियों को वहाँ रखने दिया और बिना किसी राग-देष के पाँचवे दिन वहाँ से हटवा दिया ।

संतो का कार्य

ॐ सांई राम

संतो का कार्य

ईश्वरीय अवतार का ध्येय साधुजनों का परित्राण और दुष्टों को संहार करना है ! परन्तु संतो का कार्य तो सर्वथा अलग ही है ! संतो के लिए साधू और दुष्ट प्राय: एक ही समान है ! यथार्थ में उन्हें दुष्कर्म करने वालो क़ि प्रथम चिंता होती है और वे परिचित पथ पर लगा देते है ! वे भवसागर के कष्टों को सोखने के लिए के लिए अग्सत्य के सदृश है और अज्ञान तथा अंधकार का नाश करने के लिए सूर्ये के समान है ! संतो के हृदये में भगवन वासुदेव निवास करते है ! वे उनसे प्रथक नहीं है ! श्री साईं भी उसी कोटि में है, जो क़ि भक्तो के कल्याण के निमित ही अवतीर्ण हुए है !वे ज्ञान ज्योति स्वरुप थे ! भक्तों के लिए उन्होंने अपना दिव्य गुन्स्मूह पूर्णत: प्रयोग किया और सदेव उनकी सहायता के लिए तत्पर रहे ! उनकी इच्छा के बिना कोई भक्त उनके पास नहीं जा सकता था ! यदि उनके सुभ कर्म उदित नहीं हुए है तो उन्हें बाबा क़ि स्मृति भी कभी नहीं आई और न ही उनकी लीलाएं उनके कानो तक पहुच सकी ! तब फिर बाबा के दर्शनों का विचार भी उनके मन में कैसी आ सकता था, अनेक व्यक्तियों क़ि श्री साईं बाबा के दर्शन क़ि इच्छा होते हुए भी  उन्हें बाबा के महासम्धि लेने तक कोई योग प्राप्त न हो सका ! अत: ऐसे व्यक्ति जो दर्शनलाभ से वंचित रहे है, यदि वे श्रधापुर्वक साईं लीलाओं का श्रवण करेंगे तो उनकी साईं दर्शन क़ि इच्छा कुछ अंशो तक तृप्त हो जाएगी ! भाग्यवश यदि किसी को किसी प्रकार बाबा के दर्शन हो भी गए तो वह वहां अधिक देर तक रुक न सका, इच्छा होते हुए भी केवल बाबा क़ि आज्ञा तक ही वहां रुकना संभव था और आज्ञा होते ही स्थान छोड़ देना आवश्यक हो जाता था ! अत: यह सब उनकी शुभ इच्छा पैर ही अवलंबित था !

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Wednesday, 9 May 2012

जिस रंग में राखे साइयाँ उसी रंग में रहना

ॐ सांई राम
जिस रंग में राखे साइयाँ उसी रंग में रहना
सुख में इसको भूल न जाना दुःख आये तो न घबराना
सुख दुःख सहते रहना उसी रंग में रहना

Tuesday, 8 May 2012

दिल से जो जप ले, साईं का नाम


ॐ सांई राम
दिल से जो जप ले, साईं का नाम
झोलियाँ वो अपनी भरते हैं
श्रद्धा से जाओ गर शिर्डी पुरी को
साईं जी पीड़ हरते हैं

Monday, 7 May 2012

थोडा सा रहम मुझ पर कर दो साईं बाबा

ॐ सांई राम

थोडा सा रहम मुझ पर कर दो साईं बाबा
इक बूँद प्यार की तुम छलका दो साईं बाबा
मेरे अल्लाह साईं बाबा मेरे मौला साईं बाबा
मेरे  ईसा साईं बाबा मेरे नानक साईं बाबा

Sunday, 6 May 2012

साईं की राह पे चलना


ॐ सांई राम

साईं नाम की धुन में रह के
साईं की राह पे चलना
छोडो माया की नगरी को
कभी कष्ट पड़े न सहना

Saturday, 5 May 2012

सुना है शिर्डी में एक फकीर आया है

ॐ सांई राम
सुना है शिर्डी में एक फकीर आया है
सुना है शिर्डी में एक फकीर आया है
जिसने तन पर चिथड़े पहने हैं
सर पर साफा बाँधा है,
और हाथों में एक इंट साथ लाया है,
सुना है शिर्डी में एक फकीर आया है
कोई कहता है, वो चाँद भाई के साथ आया है,
कोई कहता है, वो पहले भी आया था

Friday, 4 May 2012

तुम जैसा फकीर ना देखा


ॐ सांई राम
 
किसे अपनी व्यथा बताऊँ मैं,
एक तुम ही तो हो साईं,
जिसे दिल का हाल सुनाऊं मैं,
जीवन मैं सब कुछ देखा

Thursday, 3 May 2012

तेरी किरपा से सांई, मैं भव से तर जाऊं



ॐ सांई राम
मेरी चाहत है सांई, तेरा दर्शन मै पाऊं
तेरी किरपा से सांई, मैं भव से तर जाऊं

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 6


ॐ सांई राम

आप सभी को शिर्डी के साईं बाबा ग्रुप की और से साईं-वार की हार्दिक शुभ कामनाएं |
हम प्रत्येक साईं-वार के दिन आप के समक्ष बाबा जी की जीवनी पर आधारित श्री साईं सच्चित्र का एक अध्याय प्रस्तुत करने के लिए श्री साईं जी से अनुमति चाहते है |
हमें आशा है की हमारा यह कदम घर घर तक श्री साईं सच्चित्र का सन्देश पंहुचा कर हमें सुख और शान्ति का अनुभव करवाएगा| किसी भी प्रकार की त्रुटी के लिए हम सर्वप्रथम श्री साईं चरणों में क्षमा याचना करते है|

श्री साई सच्चरित्र - अध्याय 6
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रामनवमी उत्सव व मसजिद का जीर्णोदृार, गुरु के कर-स्पर्श की महिमा, रामनवमी—उत्सव, उर्स की प्राथमिक अवस्था ओर रुपान्तर एवम मसजिद का जीर्णोदृार
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Wednesday, 2 May 2012

साईं सभना विच समाया, जीण सारे तेरे सहारे

ॐ सांई राम
साईं सभना विच समाया, जीण सारे तेरे सहारे
तेरे दर ते साईं आ के, झुकदे ने सीस सारे
साईं सभना विच समाया....


Tuesday, 1 May 2012

साईं सब में तू समाया, जीयूं कैसे बिन तिहारे


ॐ सांई राम
साईं सब में तू समाया, जीयूं कैसे बिन तिहारे
तेरे दर पे साईं आके, झुकते हैं सर हमारे
साईं सब में तू समाया, जीयूं कैसे बिन तिहारे

मेरे साईं चले आये


ॐ सांई राम
जब जब तुम्हे पुकारा
मुझे देख मुस्कुराये
मेरे साईं चले आये
जब कहर की आंधी आई
और कदम डगमगाए
मेरे साईं चले आये
मेरे बाबा चले आये

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.