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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Monday, 13 May 2013

श्री साईं लीलाएं - सर्प विष-निवारक था


ॐ सांई राम
कल हमने पढ़ा था.. योगी का आत्मसमर्पण
श्री साईं लीलाएं
सर्प विष-निवारक था

शामा साईं बाबा के परमभक्त थे| साईं बाबा अक्सर कहा करते थे कि शामा अैर मेरा जन्मों-जन्म का नाता है| एक बार की बात है कि शाम के समय शामा को हाथ की अंगुली में एक जहरीले सांप ने डस लिया| सांप का जहर धीरे-धीरे अपना असर दिखाने लगा, तो दर्द के मारे शामा चीखने-चिल्लाने लगा| अब मृत्यु दूर नहीं, इस विचार के मन में आते ही घबराहट बढ़ गयी|

शाम की हालत को देखकर उसके मित्र उसे विठोला मंदिर ले जाना चाहते थे| वह मंदिर शिरडी के पास में ही था और सांप के काटे हुए व्यक्ति को वहां ले जाया जाता था| जहां इस तरह की पीड़ाओं का निवारण हो जाता था| परन्तु शामा अपने विठोवा यानी साईं बाबा के पास जाने के लिए मस्जिद की ओर दौड़े| साईं बाबा ने जब शामा को दूर से आता देखा, तो एकदम गरजते हुए क्रोधावेश में बोले - "ओ बम्मन ! रुक जा वहीं-के-वहीं| खबरदार ! अगर ऊपर चढ़ के आया तो| चल निकल जा, नीचे उतर|"

साईं बाबा को क्रोधावेश में देख और बाबा के वचन सुनकर शामा हैरान रह गया| वह बाबा को अपने जीवन का आधार मानता था| इसलिए पूरी तरह निराश होकर वहीं पर बैठ गया| कुछ देर बाद जब बाबा का क्रोध शांत हुआ और वे सामान्य हो गए तो शामा बाबा के पास जाकर बैठ गया| उसकी आँखें भर आयीं| साईं बाबा उससे बोले - " शामा ! डर मत| फिक्र की कोई बात नहीं| सीधा घर चला जा और शांति से बैठ, परन्तु घर से बाहर मत जाना| मुझ पर विश्वास रखते हुए चिंता छोड़ दे| मस्जिद का फकीर बहुत दयालु है| वह तुझे मरने नहीं देगा|" शामा की जान में जान में आ गयी|

शामा को घर भेजने के बाद बाबा ने तात्या और काका को उसके घर भेजा| उनके द्वारा कहलवा दिया - जो मन करे, खाये-पीये, घर में टहलता रहे, लेटना और सोना बिल्कुल नहीं| यानी जागता रहे| बाबा का प्यार देखकर शामा बेफिक्र हो गया| उसने बाबा के आदेश का दृढ़ता से पालन किया और सुबह होते ही मानो उसे नया जन्म मिल गया और वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया|

यहां पर यह बात ध्यान देने योग्य है कि शाम के समय बाबा ने जो शब्द 'चल निकल जा, नीचे उतर|' वे शामा को नहीं बल्कि उनका इशारा तो सांप और उसके जहर की तरफ था| तभी वह जहर बेअसर हो गया था| ऐसे हजारों चमत्कार किये थे बाबा ने|
 
कल चर्चा करेंगे... हैजे की क्या औकात, जब साईं बाबा है साथ

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.