"ॐ साँई राम जी"
हर इंसान को सपने आते है और टूट भी जाते है,
इस दुनिया में हम जिनको अपना कहते है, वो अपने भी कभी ना कभी हम से रूठ जाते है,
इस ज़िन्दगी में कैसे कैसे मोड़ आते है और आ कर चले भी जाते है,
मगर जिसके सर पर श्री साँई जी की नज़रें करम हो तो, उसके लिये राह में बिछे काँटे भी फूल बन जाते है,
"तो बोलियें श्री सदगुरू साँईनाथ महाराज की जय"
"अगर आप बोलेंगे 'श्री सदगुरू साँईनाथ महाराज की जय' तो इस छल कपट से भरी दुनिया में कभी भी आप को ना रहेगा किसी का भय, अब बोलियें मेरे साथ श्री सदगुरू साँईनाथ महाराज की जय"
"साँई-साँई बोलियें और अपना मुक्कदर खोलियें, हर दिन हर पल बस साँई-साँई ही बोलियें"
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