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कल हमने पढ़ा था.. बाबा द्वारा अद्भुत नेत्र चिकित्सा
श्री साईं लीलाएं
बालक खापर्डे को प्लेग-मुक्तिश्री साईं लीलाएं
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संध्या के समय जब साईं बाबा वायु सेवन करने के लिए समाधि मंदिर के पास से होकर जा रहे थे, उसी समय श्रीमती खापर्डे बाबा को वहां पर मिलीं और उनसे घर लौटने की अनुमति मांगते हुए, आँखों में आँसू लिए हाथ जोड़कर कांपते हुए स्वर में बोलीं - "बाबा, मेरा प्रिय पुत्र प्लेग रोग से पीड़ित है, इसलिए मैं घर जाना चाहती हूं|"
तब बाबा ने श्रीमती खापर्डे से प्रेमपूर्वक कहा कि आकाश में बादल घिर आये हैं| बादल हटते ही आसपास पहले की तरफ साफ हो जायेगा| ऐसा कहते हुए बाबा ने अपनी कफनी कमर तक उठाकर वहां उपस्थित भक्तों को अपनी जांघों पर अंडे की आकार की चार गिल्टियां दिखाते हुए कहा कि देखो, मुझे अपने भक्तों का कितना कष्ट उठाना पड़ता है| उनके कष्ट मेरे ही कष्ट हैं| मैं उन्हें दु:खी नहीं देख सकता हूं| साईं बाबा की ऐसी विचित्र व असामान्य लीला देखकर लोगों का यह विश्वास और भी दृढ़ हो गया कि सद्गुरु को अपने भक्तों के लिए कितने कष्ट उठाने पड़ते हैं|
कल चर्चा करेंगे... साईं बाबा की दयालुता
ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।