ॐ सांई राम
जिथ बिठावे तित ही बैठूँ
जो पहरावे सो ही पहरूँ
मेरी उनकी प्रीत पुरानी
बेचे तो बिक जाऊँ
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
जो पहरावे सो ही पहरूँ
मेरी उनकी प्रीत पुरानी
बेचे तो बिक जाऊँ
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु मेरा देव अलख अभेऊ
गुरु मेरा देव अकाल अभेऊ
सर्व पूज चरण गुरु सेऊ
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु का दर्शन
देख देख जीवा
गुरु के चरण
धोये धोये पीवाँ
गुरु बिन अवर
नहीं में थाओं
आन दिन जपौं
गुरु गुरु नाओं
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु मेरा ज्ञान
गुरु ही दे ध्यान
गुरु गोपाल
मूरत भगवान
गुरु मेरी पूजा
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
ऐसे गुरु को
बल बल जाइये
आप मुकदे
मोहे तारे
गुरु की शरण
रहूँ कर जोड़
गुरु बिना मैं
न ही होर
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु बहुत तारे भवपार
गुरु सेवा जम ते छुटकारे
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
अंधकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु के संग सगल मिस्तारा
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
न मैं सोणी
मैं किसदा मान करसा
चारो चुक्का मेरियां
चिकड़ भारियां
मै किदे किदे मल मल दोस्सां
एक साबुन थोडा
उतों मैल घनेरी
मैं किदे किदे कपडे धोसां
बुलेशा मुर्शद जे मैं न मिलेयो मैं बैठ किनारे रोसां
गुरु पूरा पाइये घडढ़ाडी
गुरु की सेवा देख न लागी
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु का शब्द न मिटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोयी
गुरु मेरा देव अकाल अभेऊ
सर्व पूज चरण गुरु सेऊ
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु का दर्शन
देख देख जीवा
गुरु के चरण
धोये धोये पीवाँ
गुरु बिन अवर
नहीं में थाओं
आन दिन जपौं
गुरु गुरु नाओं
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु मेरा ज्ञान
गुरु ही दे ध्यान
गुरु गोपाल
मूरत भगवान
गुरु मेरी पूजा
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
ऐसे गुरु को
बल बल जाइये
आप मुकदे
मोहे तारे
गुरु की शरण
रहूँ कर जोड़
गुरु बिना मैं
न ही होर
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु बहुत तारे भवपार
गुरु सेवा जम ते छुटकारे
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
अंधकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु के संग सगल मिस्तारा
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
न मैं सोणी
मैं किसदा मान करसा
चारो चुक्का मेरियां
चिकड़ भारियां
मै किदे किदे मल मल दोस्सां
एक साबुन थोडा
उतों मैल घनेरी
मैं किदे किदे कपडे धोसां
बुलेशा मुर्शद जे मैं न मिलेयो मैं बैठ किनारे रोसां
गुरु पूरा पाइये घडढ़ाडी
गुरु की सेवा देख न लागी
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
गुरु का शब्द न मिटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोयी
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द गुरु मेरा पार ब्रह्म गुरु भगवंत
यह अरदास बाबा की लाडली बेटी साईं आँचल द्वारा बाबा को भेंट की गई ।
-: आज का साईं सन्देश :-
पत्नी उसकी बहुत बुरी,
कष्ट उसे पहुँचाय ।
रोहिल की आवाज़ से,
पास न उसके आय ।।
दुर्विचार पत्नी यहाँ,
असल न पत्नी कोय ।
बाबा की हर बात में,
गूढ़ अर्थ ही होय ।।
Kindly Provide Food & clean drinking Water to Birds & Other Animals,
This is also a kind of SEWA.
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