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Saturday, 2 August 2014

श्री साईं लीलाएं - भक्तों के मन की बात जानने वाला बाबा

ॐ सांई राम




कल हमने पढ़ा था.. कुछ दिन रुको, आराम से चले जाना


श्री साईं लीलाएं
भक्तों के मन की बात जानने वाला बाबा
    
नाना साहब निमोणकर और उनकी पत्नी दोनों की साईं बाबा पर अटूट श्रद्धा थी| वे काफी समय से शिरडी में ठहरे हुए थे| बाबा की रोजना पूरे मनोयोग से सेवा करना उन्होंने अपना नियम बना रखा था और बाबा के उपदेशों को भी बड़े ही लगाकर सुना करते थे| इसके बाद वे अपने ठहरने के स्थान पर रात को सोने के लिए जाते|

उन्हें इस तरह से शिरडी में रहते हुए कई दिन बीत गये, इस दौरान उन्हें बेलापुर में रहनेवाले अपने पुत्र के बीमार होने का समाचार मिला| पुत्र के बीमार होने का समाचार मिलने पर श्रीमती निमोणकर चिंतित हो गयीं और उन्होंने बेलापुर जाकर अपने पुत्र से मिलने का मन बनाया| पर नाना साहब ने अपनी पत्नी से मजबूरी बताते हुए अगले दिन ही बेलापुर से वापस आने के लिए कहा, तो वह असमंजस में पड़ गई| वहां जाने पर लड़के की बीमारी में कितने दिन रहना पड़े, इसका अनुमान नहीं था और वह अपने पति को नाराज भी नहीं करना चाहती थी| अपने पति को बहुत समझाना चाहा, पर वे न माने|

परेशान मन से वह बेलापुर जाने के लिए साईं बाबा से अनुमति मांगने गई| उस समय बाबा साठेवाड़ा के पास ही खड़े थे| उनके पास और भी कई भक्त खड़े थे| जब श्रीमती निमोणकर ने बाबा के चरणों में प्रणाम कर, जाने के लिए अनुमति मांगी तो बाबा ने कहा - "जाओ, घबराओ मत, बेलापुर तक ही तो जा रही हो, वहां सात-आठ दिन आराम से रहना| सबके मिलकर बाद में वापस शिरडी लौट आना| यहां की चिंता मत करना|"

अपने मन की बात सुनकर वह बड़ी खुशी हुई और निमोणकर बाबा का मुख ताकते रह गए, क्योंकि बाबा की आज्ञा के आगे उनकी आज्ञा का कोई मतलब ही नहीं रह जाता था|

कल चर्चा करेंगे..मुले शास्त्री को बाबा में गुरु-दर्शन    

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.