वर्ल्ड ऑफ़ साईं ग्रुप में आपका हार्दिक स्वागत है । श्री साईं जी के ब्लॉग में आने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद । श्री साईं जी की कृपा आप सब पर सदैव बनी रहे ।

शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Friday, 8 August 2014

श्री साईं लीलाएं - बूटी का रोग छूमंतर

ॐ सांई राम




परसों हमने पढ़ा था.. बाबा जी का विचित्र आदेश 

श्री साईं लीलाएं
बूटी का रोग छूमंतर
   

एक बार बापू साहब बूटी को अम्लपित्त का रोग हो गयाउन्होंने बहुत इलाज करवाया परन्तु कोई लाभ नहीं हुआरोग की वजह से वह इतने कमजोर हो गये कि अब वे मस्जिद जाकर बाबा के दर्शन कर पाने में खुद को असमर्थ पाने लगेयह बात बाबा को भी पता चल गयी|एक दिन बाबा ने बूटी को अपने पास बुलवाया और पास में बैठाकर बोले - "सावधान ! अब तुम्हें कभी उल्टियां या दस्त हुई तो समझ लेना तुम्हारा सामना मुझसे हैयह ध्यान रखना|" बाबा का संकेत बूटी की बीमारी की तरह थाबाबा के मुख से निकले उन शब्दों का ऐसा चमत्कारिक प्रभाव हुआ कि बूटी साहब का रोग उसी समय खत्म हो गया और वे पूर्णतया स्वस्थ हो गये|यही बूटी एक बार हैजे की बीमारी का शिकार हो गएबीमारी के कारण उन्हें बहुत तेज प्यास लगने लगीडॉक्टरों से इलाज कराने पर जब कोई लाभ होता दिखाई न दिया तो अंतत: वे पुन: बाबा की शरण में जा पहुंचे और रोग-मुक्ति की विनती की|उनकी विनती सुन बाबा ने कहा - "मीठे दूध में अखरोटबादामपिस्ते उबालकर उस काढ़े का सेवन करोवैसे यह काढ़ा प्राणघातक हैपरन्तु बाबा की आज्ञा थीइसलिए उन्होंने काढ़ा बनाकर सेवन किया तो रोग का समूल नाश हो गया|"
कल चर्चा करेंगे... बिना दवाई के कर्ण पीड़ा ठीक हो गई    

ॐ सांई राम
===ॐ साईं श्री साईं जय जय साईं ===
बाबा के श्री चरणों में विनती है कि बाबा अपनी कृपा की वर्षा सदा सब पर बरसाते रहें ।

Donate Eyes... Support us...

एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.