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Friday 25 November 2011

चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

ॐ साईं राम

चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दोनों जहां का सुख चैन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

कभी दिन उजियारा कभी रैन अंधेरी
कभी मन हरियाली कभी झोली खाली
वो सब कुछ जाने कब क्या देना है
हर पग पे करेगा तेरी रखवाली
तू पकड़ के रखियो विश्वास की डोरी
वो जहां मिला था फिर वहीं मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दोनों जहां का सुख चैन मिलेगा

स्वीकार किया है हमें सांई ने जब से
ख़ुद को पहचाना जग को पहचाना
मुश्किल से मिली है बाबा कि चौखट
मुश्किल से मिला है मुझे एक ठिकाना
लगता है हमे हम किस्मत के धनी हैं
अब एसी जगह से कहो कौन हिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दोनों जहां का सुख चैन मिलेगा

हो सकता है इक दिन तुम्हें नींद आ जाये
तुम रोम-रोम को ज़रा बोल के रखना
बंद भी हो जाएं जग के दरवाज़े
तुम मन की खिड़की सदा खोल के रखना
किस रात में सांई कब चुपके-चुपके
अपने भक्तों से ख़ुद आन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

तुझे दोनों जहां का सुख चैन मिलेगा
फिर पतझड़ में भी तेरी बगिया में
सांई रहमत का हर फूल खिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दोनों जहां का सुख चैन मिलेगा
विशेष आभार : श्री साईं जी की पुत्री
आँचल साईं चावला

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.