ॐ सांई राम
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
इन वचनों को समझ सके तो, चैन तू मनवा पायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
शिर्डी पावन भूमि इस पर, पाँव रखेगा जो आके
तत्क्षण उसके पाप मिटेंगे, लौटेगा वो हर वर पाके
जो भी चढ़ेगा समाधि मेरी, उसका दुःख मिट जायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
छोड़ गया मैं देह परन्तु, आऊँगा भक्तों के लिये
सिद्धिदायिनी मेरी समाधि, दृढ विश्वास तू रख इसमें
नित्य हूँ जीवित सत्य यही है, भक्त ये अनुभव पायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
मेरी शरण में आके सवाली, लौटा कभी नहीं कोई खाली
मुझ को भजे जिस भाव से जो भी, पाये मुझे उस भाव में ही
सत्य वचन है मत कर संशय, साईं तेरा भार उठायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
मदद मिलेगी सब को ही जानो, पायेगा जो भी माँगेगा
मन मन वचन से जो है मेरा, ऋणी हूँ सदा ही मैं उसका
धन्य है वो जो भिन्न न मुझसे, मुझ में वो आन समायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
इन वचनों को समझ सके तो, चैन तू मनवा पायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
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इन वचनों को समझ सके तो, चैन तू मनवा पायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
शिर्डी पावन भूमि इस पर, पाँव रखेगा जो आके
तत्क्षण उसके पाप मिटेंगे, लौटेगा वो हर वर पाके
जो भी चढ़ेगा समाधि मेरी, उसका दुःख मिट जायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
छोड़ गया मैं देह परन्तु, आऊँगा भक्तों के लिये
सिद्धिदायिनी मेरी समाधि, दृढ विश्वास तू रख इसमें
नित्य हूँ जीवित सत्य यही है, भक्त ये अनुभव पायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
मेरी शरण में आके सवाली, लौटा कभी नहीं कोई खाली
मुझ को भजे जिस भाव से जो भी, पाये मुझे उस भाव में ही
सत्य वचन है मत कर संशय, साईं तेरा भार उठायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
मदद मिलेगी सब को ही जानो, पायेगा जो भी माँगेगा
मन मन वचन से जो है मेरा, ऋणी हूँ सदा ही मैं उसका
धन्य है वो जो भिन्न न मुझसे, मुझ में वो आन समायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
इन वचनों को समझ सके तो, चैन तू मनवा पायेगा
साईं ने दिये जो ग्यारह वचन वो, तू पढ़ ले तर जायेगा
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-: आज का साईं सन्देश :-
बाबाजी की बात सुन,
वे अचरज कर जाय |
वाड़े वाली बात को,
साईं कैसे पाय ||
' हेमांड पन्त ' नाम से,
बाबाजी बुलवाय |
' हेमांद्री ' सा नाम पा,
गोविन्द जी चकराय ||
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