ॐ सांई राम
मेरे मन दिल किसी का ना दुखा,
भले ही ऱब को तू मना ना मना,
न जा मंदिर, न दीपक जला ,
पर किसी को यूं ही न सता ,
आंसू कही जो तेरे कारण बहे ,
न सोच कि तू बच जाएगा ,
ये आंसू नहीं दरिया है पाप के,
जिसमें तू गोते खाएगा ,
छटपटाएगा, चिल्लाएगा ,
पर कोई ना बचाएगा ,
तेरी करनी क्या रंग लाए ,
ये तो ऱब ही तुझे बताएगा
भले ही ऱब को तू मना ना मना,
न जा मंदिर, न दीपक जला ,
पर किसी को यूं ही न सता ,
आंसू कही जो तेरे कारण बहे ,
न सोच कि तू बच जाएगा ,
ये आंसू नहीं दरिया है पाप के,
जिसमें तू गोते खाएगा ,
छटपटाएगा, चिल्लाएगा ,
पर कोई ना बचाएगा ,
तेरी करनी क्या रंग लाए ,
ये तो ऱब ही तुझे बताएगा
यह सौग़ात बाबा की लाडली बेटी साईं आँचल के द्वारा
-: आज का साईं सन्देश :-
बहिखाते बढ़िया लिखें,
बहुत बड़े विद्वान् ।
महाकाव्य रचना करें,
साईं चरित बखान ।।
आत्म निवेदन होय कस,
शरणागति समझाय ।
ज्ञान,भक्ति,वैराग्य की,
महिमा दी बतलाय ।।
बहुत बड़े विद्वान् ।
महाकाव्य रचना करें,
साईं चरित बखान ।।
आत्म निवेदन होय कस,
शरणागति समझाय ।
ज्ञान,भक्ति,वैराग्य की,
महिमा दी बतलाय ।।
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