ॐ सांई राम
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
भोर अब तो होने लगी है, साईं नाम पुकार,
सूरज कितनी बार ही निकला, लेकर अपनी ही धूप,
कितनी बार ये बदले ये मौसम, बदला समय का रूप,
अंत समय है नीद से जागो, कर लो साईं से प्यार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
क्या है तेरा किसपर पगले, करता है अभिमान,
ये जग तो है रैन बसेरा, तू है यहाँ मेहमान,
एक है ईश्वर साईं तेरा, उसको तू न बिसार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार,
लेकर जा तू साईं के द्वारे, श्रद्धा के ये फूल,
माथे पर तू अपने लगा ले, साईं चरण की धूल,
वो है दयालु, वो ही करेंगे, तेरा बेड़ा पार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
भोर अब तो होने लगी है, साईं नाम पुकार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
भोर अब तो होने लगी है, साईं नाम पुकार,
भोर अब तो होने लगी है, साईं नाम पुकार,
सूरज कितनी बार ही निकला, लेकर अपनी ही धूप,
कितनी बार ये बदले ये मौसम, बदला समय का रूप,
अंत समय है नीद से जागो, कर लो साईं से प्यार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
क्या है तेरा किसपर पगले, करता है अभिमान,
ये जग तो है रैन बसेरा, तू है यहाँ मेहमान,
एक है ईश्वर साईं तेरा, उसको तू न बिसार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार,
लेकर जा तू साईं के द्वारे, श्रद्धा के ये फूल,
माथे पर तू अपने लगा ले, साईं चरण की धूल,
वो है दयालु, वो ही करेंगे, तेरा बेड़ा पार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
भोर अब तो होने लगी है, साईं नाम पुकार,
जीवन बीत गया सपनों में, शेष बचे दिन चार
भोर अब तो होने लगी है, साईं नाम पुकार,
-: आज का साईं सन्देश :-
बात न कोई बहस की,
मंजिल पाना होय ।
समझ गए दाभोलकर,
गुरु ज़रूरी होय ।।
गुरु कृष्ण के भी रहे,
गुरु राम के होय ।
इसी तरह साईं सदा,
सद्गुरु तेरे होय ।।For Join Our Blog :- Click Here
For Join Our New Blog :- Click Here
For Visit Our Website :- Click Here
For Our Profile :- Click Here
For Visit Our Website :- Click Here
For Our Profile :- Click Here
For Join Our Group :- Click Here
For Join Our Page :- Click Here
E-Mail :- saikahoney@saimail.com
For Daily SAI SANDESH :- Click Here