आस लेके साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
ॐ साईं राम
  
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं
 
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं
 
तुम सबके राज़दां हो हर दिल की जानते हो
 
फ़िर भी ये हाले दिल मैं तुमको सुना रहा हूं
 
मुझसे सहा न जाये अब ग़म ये ज़िन्दगी का
 
नन्हीं सी जाँ पे कैसे सदमे उठा रहा हूं
 
जब तक रहूं मैं ज़िन्दा इज़्ज़त की भीख़ देना
 
ये आस लेके साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
 
दीदार की तलब से हाज़िर हुआ है बन्दा
 
मुद्द्त से मेरे साँई तेरे दर पे आ रहा हूं
 
तेरे नाम के सहारे जीवन बिता रहा हूं
जैसी भी निभ रही है वैसी निभा रहा हूं 
 
 
 
 
 
          
      
 
 
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  एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो  ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके  पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी  वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों  से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने  के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे  डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ  रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं.  #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.