साईं जी के मंदिर जब जाते हैं हम,
तो बस देखेते ही रह जाते हे हम|
जो मांगना होता हैं,
वो भूल जाते हैं हम|
घर लौटते ही,
घर लौटते ही,
साईं जी को याद करते हैं हम|
फिर से उनका दर्शन,
करना चाहते हैं हम|
थोड़ी देर के लिए ऑंखें बंद करके,
थोड़ी देर के लिए ऑंखें बंद करके,
उनका ध्यान करते है हम|
साईं का ध्यान करते ही,
साईं का ध्यान करते ही,
भूल जाते हैं अपने आप को भी हम|
के हंस हंस के भी उनके चरणों में,
के हंस हंस के भी उनके चरणों में,
अपनी जान दे दे हम|