वर्ल्ड ऑफ़ साईं ग्रुप में आपका हार्दिक स्वागत है । श्री साईं जी के ब्लॉग में आने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद । श्री साईं जी की कृपा आप सब पर सदैव बनी रहे ।

शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Monday, 9 June 2014

श्री साईं लीलाएं - शिरडी वाले श्री साईं बाबा जी

ॐ सांई राम





आप सब के लिये शिर्डी के साँई बाबा ग्रुप की एक और पेशकश ..

हम आज से आप सभी के समक्ष बाबा जी की लीलाओं का वर्णन (गुनगाण), प्रत्येक दिन ले कर उपस्थित होंगे, आशा करते है की आपको हमारा यह प्रयास पसंद आयेगा और आपका सहयोग हमे मिलता रहेगा..

आप सब के सहयोग के लिये हम दिल से आभार व्यक्त करते है और किसी भी प्रकार की त्रुटी हेतु हम सर्वप्रथम श्री साँई चरण कमलों मे नतमस्तक हो कर क्षमा प्रर्थना करते है और आप सब के लिये मंगल कामना करते है...

श्री साईं लीलाएं


शिरडी वाले श्री साईं बाबा जी



श्री साईं बाबा के नाम से कोई विरला व्यक्ति ही होगा जो उनसे परिचित न होवे कलयुग के महान अवतार थेउन्होंने किस देशजातिधार्मिक परिवार व कुल में जन्म लियायह कोई नहीं जानताउनके पूर्वज कौन थेउनके पिता व माता कौन थीयह कोई नहीं जानताहेमातपंड ने साईं बाबा से उनके जीवन के विषय में जानने की इच्छा प्रगट की थीपर उन्हें बाबा जी से कोई जानकारी नहीं मिल सकीबाबा ने किसी को भी अपने विषय में नहीं बताया थाएक बार जब बाबा म्हालसापति के साथ एकांत में बैठे थे तो उन्होंने अपनी जन्म तिथि बताईउन्होंने कागज के एक पुर्जे पर बाबा की जन्म तिथि लिख कर रख दीवह कागज का पुर्जा हेमातपंड के हाथ लग गयाइसी पुर्जे के आधार पर वह बाबा की जीवनी लिखने लगेपुर्जे के आधार पर बाबा का जन्म 27 सितम्बर 1838 ईस्वी को हुआ थापर बाबा के जीवन की वास्तविकता को कोई नहीं जानता|
क़ल चर्चा करेंगे... श्री साईं परिचय व जीवन गाथा

ॐ सांई राम

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.