ॐ साईं राम
ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, तुझ बिन काटे कौन ओ साईं मेरे दुखों के घेरे |
ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे |
मुझ को अपना दास बना लो, दर दर की ठोकर से बचा लो |
मैं हूँ ज़माने का ठुकराया, मुझ पे करो करुणा की छाया |
मेरे दिन भी फेरो साईं, लाखों के दिन फेरे |
ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे |
न मांगूं मैं चांदी सोना, मुझ को नहीं दौलत का रोना |
बस इतनी सी अर्ज़ सुनो ना, दे दो चरणों में इक कोना |
ज्ञान की ज्योत जला दो मन में, कर दो दूर अंधरे |
ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे, ओ साईं मेरे आन पड़ा दर तेरे |