ॐ साईं राम!!!
अपने साईं नूं कोई समझ न पाया
लीला उस दी अपरम्पार
फूल वी उगाए ते कंडे वी लगाए
फूल वी उगाए ते कंडे वी लगाए
पतझड़, सावन, सर्दी, गर्मी ,
नाल बनाई बसंत-बहार
सुख-दुख है सब उस ने बनाए
कारन-करावन वाला ओ आप
मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो
नफरत छड दो ,करो सब न नूं रज रज प्यार
साईं दी कहानियाँ नूं पड़ के समझो
सुख-दुख है सब उस ने बनाए
कारन-करावन वाला ओ आप
मेरा साईं कहंदा है गुस्सा त्यागो
नफरत छड दो ,करो सब न नूं रज रज प्यार
साईं दी कहानियाँ नूं पड़ के समझो
समझ समझ के हो जाओ तैयार
हुन प्रेम -प्यार नूं मन विच वसाओ
हुन प्रेम -प्यार नूं मन विच वसाओ
गुस्सा -नफरत , लालच- लोभ,
अंदरों कड के मारों बाहर
जय साईं राम!!!
जय साईं राम!!!