वर्ल्ड ऑफ़ साईं ग्रुप में आपका हार्दिक स्वागत है । श्री साईं जी के ब्लॉग में आने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद । श्री साईं जी की कृपा आप सब पर सदैव बनी रहे ।

शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Saturday, 28 September 2013

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी – साखियाँ - जेब काटने वाले चोर को शिक्षा

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी – साखियाँ




जेब काटने वाले चोर को शिक्षा

श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के दरबार में सदा एक मेला सा लगा रहता था| एक दिन चार सिख गुरु जी के पास आए| उन्होंने आकर प्रार्थना की कि किसी ने उनकी जेब काट ली है व पैसे नकदी निकाल लिए हैं| उनकी बात सुनकर गुरु जी ने सिखों को हुक्म दिया कि संगत की भीड़ में एक आदमी जिसने सिर पर लाल पगड़ी बांधी है, कमर पर धोती है तथा उसके हाथ में माला व माथे पर चन्दन का सफ़ेद तिलक लगा हुआ है, उसे पकड़कर हमारे पास ले आओ|

सिखों ने गुरु जी की बात सुनी व गुरु जी की बताई निशानी के अनुसार एक आदमी के हाथ पैर बांधकर गुरु जी के समक्ष ले आए| गुरु जी ने उसकी तलाशी करवाई| चुराया हुआ सारा समान व धन उसके पास से ही निकला| तब गुरु जी ने उस जेब कतरे को कैद में डलवा दिया|

कुछ दिनों के बाद आपने उसे बुलाकर कहा तूने जेब काटने के लिए हमारी आराधना करके प्रण किया था, मैं तीन जेबें काटकर फिर यह काम नहीं करूंगा| परन्तु तूने अपने प्रण से फिर कर चौथी बार जेब क्यों काटी? इसलिए तुम्हें कैद की सजा दी जाती है| परन्तु यदि अब तुम यह प्रण हमारे सामने कर लो कि आगे से कोई ऐसा काम नहीं करोगे, तो तुम्हें छोड़ देते हैं|

उस चोर ने गुरु की बात सुनकर उनसे क्षमा माँगी व यह प्रण किया कि वह आगे से ऐसा कोई काम नहीं करेगा| गुरु जी ने उसे बुलाकर उपदेश दिया व कैद से निकाल दिया|

Donate Eyes... Support us...

एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.