वर्ल्ड ऑफ़ साईं ग्रुप में आपका हार्दिक स्वागत है । श्री साईं जी के ब्लॉग में आने के लिए आपका कोटि कोटि धन्यवाद । श्री साईं जी की कृपा आप सब पर सदैव बनी रहे ।

शिर्डी के साँई बाबा जी के दर्शनों का सीधा प्रसारण... अधिक जानने के लियें पूरा पेज अवश्य देखें

शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Monday, 9 September 2013

श्री गुरु तेग बहादर जी – साखियाँ - फग्गू का प्रेम

श्री गुरु तेग बहादर जी – साखियाँ



फग्गू का प्रेम

काशी से गुरु तेग बहादर जी सासाराम शहर की ओर चाल पड़े| वहाँ पहुँच कर आपने गुरु घर के एक मसंद सिख फग्गू की चिरकाल से दर्शन करने की भावना को पूरा करने के लिए गए| भाई फग्गू ने एक मकान बनवाया| उसने उसका दरवाज़ा बहुत बड़ा रखवाया| उसके आगे एक खुला आँगन भी रखा हुआ था|

लोगों ने फग्गू से जब इसका कारण पूछा कि उसके मकान बनवाकर उसका दरवाज़ा इतना बड़ा क्यों रखा है? फग्गू ने उनका उत्तर दिया कि यह मैंने गुरु जी के लिए बनवाया है| जब वह मेरे घर में आयेगें तब वह घोड़े पर सवार होकर आयेगें| उन्हें बाहर नहीं उतरना पड़ेगा| वह घोड़े पर बैठे-बैठे ही मेरे घर के अंदर आ जाये इसलिए मैंने दरवाज़ा खुला रखवाया है|

फग्गू की इस श्रद्धा भावना को अन्तर्यामी गुरु जान गए| वह रास्ते में सभी को दर्शन देते हुए फग्गू के घर में जा पहुँचे| आप एक दम ही पहुँच गए जिसको देखकर फग्गू बहुत खुश हुआ| उसने गुरु जी के चरणों पर माथा टेका| फिर गुरु जी को पलंघ पर बिठाया जो की उसने विशेष रूप से गुरु जी के लिए ही तैयार किया था| गुरु जी कुछ दिन वहाँ रुके| वह फग्गू की श्रद्धा व प्रेम से की हुई सेवा से प्रसन्न हुए| प्रसन्न होकर आपने फग्गू ब्रह्म ज्ञान की दात बक्शी और उसको निहाल किया| इस नगर के बाहर गुरु जी को एक बाग भी संगत ने भेंट किया, जो कि गुरु का बाग करके प्रसिद्ध है|

Donate Eyes... Support us...

एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.