ॐ साईं राम
शिर्डी है पावन धाम हमारा,
वहां है हमारे साईं का ठिकाना,
साईं विराजे है सिंघासन पे,
करते भक्तो का इंतज़ार है,
भक्तो के लिए बाबा,
करते हर इन्तेजाम है,
करके बाबा के दर्शन,
भक्तो के मन को आता करार,
टेक के माथा समाधी पे,
मिटता हर जन जाल है,
गुरु स्थान पे जाकर ध्यान लगाओ,
बाबा ने वहाँ तपस्या की,
नीम वृक्ष के पत्ते कडवे थे,
बाबा ने मिठास उनमे भी भर दी,
द्वारकामाई में बाबा ने,
धुनी माई थी जलाई,
उद्दी की महिमा आज तक,
न किसी की समझ आई !
वहां है हमारे साईं का ठिकाना,
साईं विराजे है सिंघासन पे,
करते भक्तो का इंतज़ार है,
भक्तो के लिए बाबा,
करते हर इन्तेजाम है,
करके बाबा के दर्शन,
भक्तो के मन को आता करार,
टेक के माथा समाधी पे,
मिटता हर जन जाल है,
गुरु स्थान पे जाकर ध्यान लगाओ,
बाबा ने वहाँ तपस्या की,
नीम वृक्ष के पत्ते कडवे थे,
बाबा ने मिठास उनमे भी भर दी,
द्वारकामाई में बाबा ने,
धुनी माई थी जलाई,
उद्दी की महिमा आज तक,
न किसी की समझ आई !
बाबा की बेटी
आँचल साईं