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Monday, 2 January 2012

कई जन्मों से बुला रही हूँ

ॐ साईं राम

कई जन्मों से बुला रही हूँ, कोई तो रिश्ता जरुर होगा..
नज़रों से नज़रें मिला न पाई मेरी नज़र का कसूर होगा..

तुम्ही तो मेरे मात पिता हो, तुम्ही तो मेरे बन्धु सखा हो..

कितने ही नाते तुम संग जोड़े कोई तो नाता जरुर होगा....
कई जन्मों से बुला रही हूँ, कोई तो रिश्ता जरुर होगा..
नज़रों से नज़रें मिला न पाई मेरी नज़र का कसूर होगा..

कभी बुलाते हो शिर्डी में,कभी बुलाते हो मंदिर में...

अपने तो घर में रोज़ बुलाते,मेरे घर भी आना जरुर होगा ..
कई जन्मों से बुला रही हूँ,कोई तो रिश्ता जरुर होगा..
नज़रों से नज़रें मिला न पाई मेरी नज़र का कसूर होगा..
 
तुम तो मेरी आत्मा हो,तुम ही मेरे परमात्मा हो...
मुझी में रह कर मुझी से पर्दा,पर्दा हटाना जरुर होगा...
कई जन्मों से बुला रही हूँ,कोई तो रिश्ता जरुर होगा..
नज़रों से नज़रें मिला न पाई मेरी नज़र का कसूर होगा..

आखों में बस गयी तस्वीर तेरी,दिल मेरा हो गया जागीर तेरी..

दासी की विनती तुमरे आगे दर्श दिखाना जरुर होगा...
कई जन्मों से बुला रही हूँ,कोई तो रिश्ता जरुर होगा..
नज़रों से नज़रें मिला न पाई मेरी नज़र का कसूर होगा..


यह अत्यंत सुंदर भजन बाबा जी की प्यारी बेटी साईं प्रिया द्वारा प्रस्तुत किया गया |
साईं कृपा उन पर सदा बनी रहे |

-: आज का साईं सन्देश :-
साईं जैसा चाहते,
तस सेवा करवाए |
कोई उनके कार्य में,
दखल नहीं कर पाए ||

बाबा जी न चाहते,
किसी तरह की रोक |
भक्ति जो जैसी करे,
कोई बीच न टोक ||

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.