ॐ साईं माँ
मन उपवन के फूल माँ तुमको चढ़ाऊँ कैसे
मन उपवन के फूल माँ तुमको चढ़ाऊँ कैसे
हमतो पहाड़ों की गुफ़ाओं में तुमको ही ढूँढा करते हैं
हो माँ तुमको ही ढूँढा करते हैं
कहाँ छुप गई है मैया हमारी,कहाँ खोगई है माँ ममता तुम्हारी
चैन नहीं बैचैन मेरा मन में लगन है कि दर्शन हो तेरा
ढूँढूँ कहाँ आजा तू माँ हमतो पहाड़ों की गुफ़ाओं में
तुमही को ढूँढा करते हैं
करदो माँ पूरी इच्छा हमारी,सदियों से रोए माँ अँखियाँ हमारी
आजा तू माँ ढूँढूँ कहाँ । हमतो पहाड़ों की ……………
टेढ़ी डगर है माँ लम्बा सफ़र है
तेरा हाथ सर पे माँ हमें क्या फ़िकर है
आजा तू माँ ढूँढूँ कहाँ हम तो पहाड़ों की गुफ़ाओं में
तुमही को ढूँढा करते हैं हो माँ तुम ही को ढूँढा करते हैं
मन उपवन के फूल माँ तुमको चढ़ाऊँ कैसे
हमतो पहाड़ों की गुफ़ाओं में तुमको ही ढूँढा करते हैं
हो माँ तुमको ही ढूँढा करते हैं
कहाँ छुप गई है मैया हमारी,कहाँ खोगई है माँ ममता तुम्हारी
चैन नहीं बैचैन मेरा मन में लगन है कि दर्शन हो तेरा
ढूँढूँ कहाँ आजा तू माँ हमतो पहाड़ों की गुफ़ाओं में
तुमही को ढूँढा करते हैं
करदो माँ पूरी इच्छा हमारी,सदियों से रोए माँ अँखियाँ हमारी
आजा तू माँ ढूँढूँ कहाँ । हमतो पहाड़ों की ……………
टेढ़ी डगर है माँ लम्बा सफ़र है
तेरा हाथ सर पे माँ हमें क्या फ़िकर है
आजा तू माँ ढूँढूँ कहाँ हम तो पहाड़ों की गुफ़ाओं में
तुमही को ढूँढा करते हैं हो माँ तुम ही को ढूँढा करते हैं
यह भजन श्री साईं बाबा जी बेटी साईं प्रिया जी द्वारा प्रस्तुत किया गया
बाबा से प्रार्थना है जी ऐसे मीठे भजनों का स्वाद हमे सदा प्राप्त होता रहे |
बाबा की कृपा सदा साईं प्रिया जी पर बनी रहे |