ॐ साईं राम
आपसे क्या कहूँ देवा,
आपसे क्या मिला है,
मुझे जीवन दान,
माँ का प्यार बाबा ,
सब आपसे ही मिला है,
आपका शुक्रिया है ......आपका शुक्रिया है .....
जब दुखों की थी आंधी आई,
आपने वरदहस्त रखा मुझ पर साईं ,
आपका शुक्रिया है .....आपका शुक्रिया है .....
आपने जीने की कला है सिखलाई,
दुनिया में मैं आपकी भक्त कहलाई,
आपका शुक्रिया है ..... आपका शुक्रिया है ....
जब साथ न देने आया कोई ,
आपने हर कदम हर मोड़ पर संभाला साईं,
आपका शुक्रिया है ......आपका शुक्रिया है ...
जब आँखों में आंसू थे,
तब आप ही आये थे आंसू पोंछने साईं.....
आपका शुक्रिया है ...... आपका शुक्रिया है ....
जब याद किया आपको बाबा,
मन निर्मल पावन हुआ साईं ,
आपका शुक्रिया है .......आपका शुक्रिया है ...
जब जब भी मैं गिरी,
आपने आकर उठा लिया साईं,
आपका शुक्रिया है .......आपका शुक्रिया है ...
आपसे क्या कहू देवा,
आपसे क्या मिला है,
मुझे जीवन दान,
माँ का प्यार बाबा ,
सब आपसे ही मिला है,
आपका शुक्रिया है ......आपका शुक्रिया है .....
जब दुखों की थी आंधी आई,
आपने वरदहस्त रखा मुझ पर साईं ,
आपका शुक्रिया है .....आपका शुक्रिया है .....
आपने जीने की कला है सिखलाई,
दुनिया में मैं आपकी भक्त कहलाई,
आपका शुक्रिया है ..... आपका शुक्रिया है ....
जब साथ न देने आया कोई ,
आपने हर कदम हर मोड़ पर संभाला साईं,
आपका शुक्रिया है ......आपका शुक्रिया है ...
जब आँखों में आंसू थे,
तब आप ही आये थे आंसू पोंछने साईं.....
आपका शुक्रिया है ...... आपका शुक्रिया है ....
जब याद किया आपको बाबा,
मन निर्मल पावन हुआ साईं ,
आपका शुक्रिया है .......आपका शुक्रिया है ...
जब जब भी मैं गिरी,
आपने आकर उठा लिया साईं,
आपका शुक्रिया है .......आपका शुक्रिया है ...
आपसे क्या कहू देवा,
आपसे क्या मिला है,
मुझे जीवन दान,
माँ का प्यार बाबा,
सब आपसे ही मिला है,
विशेष आभार :-
प्रिया, विभूति मलिक जी
-: आज का साईं सन्देश :-
आटा पीसने से तात्पर्य : -
शिर्डी वासी सोचकर,
जो भी अर्थ लगाय ।
मस्तक में हेमांड के,
अर्थ अलग ही आय ।।
जो भी अर्थ लगाय ।
मस्तक में हेमांड के,
अर्थ अलग ही आय ।।
अर्थ करें हेमांड जी,
ऐसा अर्थ बताय ।
साठ बरस तक पीसकर,
साईं कष्ट मिटाय ।।
ऐसा अर्थ बताय ।
साठ बरस तक पीसकर,
साईं कष्ट मिटाय ।।