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शिर्डी से सीधा प्रसारण ,... "श्री साँई बाबा संस्थान, शिर्डी " ... के सौजन्य से... सीधे प्रसारण का समय ... प्रात: काल 4:00 बजे से रात्री 11:15 बजे तक ... सीधे प्रसारण का इस ब्लॉग पर प्रसारण केवल उन्ही साँई भक्तो को ध्यान में रख कर किया जा रहा है जो किसी कारणवश बाबा जी के दर्शन नहीं कर पाते है और वह भक्त उससे अछूता भी नहीं रहना चाहते,... हम इसे अपने ब्लॉग पर किसी व्यव्सायिक मकसद से प्रदर्शित नहीं कर रहे है। ...ॐ साँई राम जी...

Thursday, 3 November 2011

विनम्र प्रार्थना

ॐ साईं राम
 श्री सद्गुरु साईनाथ. मेरा मन-मधुप आपके चरण कमल और भजनों में ही लगा रहे । आपके अतिरिक्त भी अन्य कोई ईश्वर है, इसका मुझे ज्ञान नहीं । मुझ पर आप सदा दया और स्नेह करें और अपने चरणों के दीन दास की रक्षा कर उसका कल्याण करें । आपके भवभयनाशक चरणों का स्मरण करते हैं...ये मेरा जीवन आनन्द से व्यतीत हो जाये, ऐसी मेरी आपसे विनम्र प्रार्थना है । श्री सद्गुरु साईनाथार्पणमस्तु 
क्या कहूँ क्या है आरजू मेरी,
आरजू सबसे जुदा है मेरी 
तेरे कदमो में मेरा दम निकले. 
मेरे बाबा ये दुआ हे मेरी 
 बाबा : "जो पहले मेरा ही चिंतन करता है और प्रेम ही जिसकी भूख-प्यास है और जो पहले मुझे अर्पित किये बिना कुछ भी नही खाता, मैं उसके आधीन हूँ" 
मेरा हर एक आँसू सांई तुझे ही पुकारे है,
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है,
जब आप की याद सांई सही न जाए 
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है,
तब ज़ुबा, हाथ, पांव सब बेबस होते है,
इन्ही का काम सांई आँसू कर देते है, 
ये आप तक तो नहीं पहुँचते पर फिर भी,
इस तङप को कुछ शांत कर देते है,
जब तक ये बहते है सांई आँखे बंद रहती है,
बंद आँखे ही सांई मुझे आप से मिलाती है, 
बह बह कर सांई जब ये थक जाते है,
कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है,
पर आप की याद कभी नहीं थकती है,
बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है,
मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए,
आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए 
श्री साईनाथ आपके ऋण हम किस प्रकार चुका सकेंगें । आपके श्री चरणों में हमारा बार-बार प्रणाम है । हम दीनों पर आप सदैव कृपा करते रहियेगा, क्योंकि हमारे मन में सोते-जागते हर समय न जाने क्या-क्या संकल्प-विकल्प उठा करते है । आपके भजन में ही हमारा मन मग्न हो जाये, ऐसा आर्शीवाद दीजिये । 
 

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एक 18 साल का लड़का ट्रेन में खिड़की के पास वाली सीट पर बैठा था. अचानक वो ख़ुशी में जोर से चिल्लाया "पिताजी, वो देखो, पेड़ पीछे जा रहा हैं". उसके पिता ने स्नेह से उसके सर पर हाँथ फिराया. वो लड़का फिर चिल्लाया "पिताजी वो देखो, आसमान में बादल भी ट्रेन के साथ साथ चल रहे हैं". पिता की आँखों से आंसू निकल गए. पास बैठा आदमी ये सब देख रहा था. उसने कहा इतना बड़ा होने के बाद भी आपका लड़का बच्चो जैसी हरकते कर रहा हैं. आप इसको किसी अच्छे डॉक्टर से क्यों नहीं दिखाते?? पिता ने कहा की वो लोग डॉक्टर के पास से ही आ रहे हैं. मेरा बेटा जनम से अँधा था, आज ही उसको नयी आँखे मिली हैं. #नेत्रदान करे. किसी की जिंदगी में रौशनी भरे.