ॐ साईं राम
तूँ तो सब का सहारा है सांई,
हर कोई तुझ को प्यारा है सांई,
तूँ तो अपने बंदों में फर्क न करता,
मेरा मन क्यों मुझको भटकाता है सांई,
ये तो मेरे कर्म है सांई
आते जाते बाबा मै तुमको मै प्रणाम करू
जो मेरे लायक हो कुछ ऐसा काम करू
तेरी सेवा करनेसे मेरी किस्मत खुल जाए
जब खिड़की खोलू तो तेरे दर्शन हो जाए
हर कोई तुझ को प्यारा है सांई,
तूँ तो अपने बंदों में फर्क न करता,
मेरा मन क्यों मुझको भटकाता है सांई,
ये तो मेरे कर्म है सांई
आते जाते बाबा मै तुमको मै प्रणाम करू
जो मेरे लायक हो कुछ ऐसा काम करू
तेरी सेवा करनेसे मेरी किस्मत खुल जाए
जब खिड़की खोलू तो तेरे दर्शन हो जाए
एक आप ही सहारा हो मेरा साईं .......
क्यूंकि कोई भी समझ मुझे पाया नहीं ......
जब जब मन में तकलीफ आई.....
जब जब मन में तकलीफ आई.....
तब तब ही बिनती मैंने तेरे आगे है लाई...
ओह मेरे साईं ....ओह मेरे साईं .....
क्यूँ यह मन गलतियां करता है साईं .....
कहते है करवाने वाले आप साईं .....
करने वाले आप साईं .....
पर उन गलतियों सजा फिर हमने क्यों पाई .....
ओह मेरे साईं ...ओह मेरे साईं .....
मैं दिल से कभी नहीं चाहता
दिल दुखाना किसी का फिर क्यों यह अपने मुझसे गलती करवाई ....
ओह मेरे साईं ...ओह मेरे साईं .....ओह मेरे साईं ...