ॐ साईं राम
मै नहीं मेरा नहीं यह तन गुरु का है दिया
जो भी अपने पास है वह धन गुरु का है दिया
देने वाले ने दिया वो भी दिया किस शान से
लेने वाला कह उठा मेरा है यह अभिमान से
जो भी मिला वो हमेशा पास रह सकता नहीं
कब बिछड जाए ये राज़ कह सकता नहीं
जिंदगानी का किला मधुबन गुरु का है दिया
जिस जिंदगी में बंदगी नहीं है !
वह सतह है बुलंदी नहीं है !
जिस जिंदगी में साईं का नाम नहीं है !
उस जिंदगी में खुदा का साथ नहीं है !
जिस जिंदगी में इबादत नहीं है !
उसपे ईश्वर रहनुमा नहीं है !
जिस जीवन में गुरुदेव नहीं है !
उस जीवन में प्राण नहीं है !
हे गुरु ! आप ही मेरे सखा,भ्राता,माता और प्रिय क्षमाशील पिता भी हैं !
मेरे हदय कंदर में वास करें,और मेरी श्रद्धा के फूल स्वीकार करते रहे !!