ॐ साईं राम
साईं के नाम, मेरा नमस्कार मेरा सलाम, मेरा नमस्कार मेरा सलाम,
शिर्डी को जाने वाले,
ये कहना क़ि अब के बरस ज़िन्दगी, जहाँ के झमेलों में उलझी रही,
तू है पास फिर भी है कुछ दूरियां, में कैसे कहूँ क्या है मजबूरियां,
तरसता हूँ में तेर दरबार को, कहा छोड़ दूँ आपने घर बार को
कहा छोड़ दूँ आपने घर बार को,
मगर ले रहा हूँ मगर ले रहा हूँ मगर ले रहा हूँ
तुम्हारा ही नाम हर सुबह शाम मेरा नमस्कार मेरा सलाम
मेरा नमस्कार मेरा सलाम
शिर्डी को जाने वाले ले जा पायाम,
साईं के नाम, मेरा नमस्कार मेरा सलाम, मेरा नमस्कार मेरा सलाम,
शिर्डी को जाने वाले,
ये कहना क़ि में भुला नहीं तेरा द्वार, अभिषेक क़ि थालियों क़ि कतार
तेरे नीम क़ि पत्तियों क़ि मिठास, जो खुद ही बढ़ाये जो रोगी क़ि प्यास,
तू है पीरो मुर्षित बहुत ही बड़ा, तेरी बंदगी में बहुत कुछ पढ़ा,
तेरी बंदगी में बहुत कुछ पड़ा,
में फैला रहा हू में फैला रहा हू में फैला रहा हू
तुम्हारा कलम हर सुबहो शाम मेरा नमस्कार मेरा सलाम,
मेरा नमस्कार मेरा सलाम,
शिर्डी को जाने वाले
ये कहना तेरे पास आऊंगा में, तेरे दर पे सिर को झुखाऊंगा में,
किसी एक कारण नहीं आ सका, यदि तेरा दर्शन नहीं पा सका,
मेरे दिल में शिर्डी बना दीजियो, मेरे दिल में शिर्डी बना दीजियो,
इससे मूर्ति से सजा दीजियो, इससे मूर्ति से सजा दीजियो,
ये कर दीजियो यह कर दीजियो, ये कर दीजियो, ये कर दिजियों,
मेरा चोट्टा सा काम, हर सुभाह शाम मेरा नमस्कार मेरा सलाम,
मेरा नमस्कार मेरा सलाम,
शिर्डी को जाने वाले ले जा पयाम,
साईं के नाम, मेरा नमस्कार मेरा सलाम, मेरा नमस्कार मेरा सलाम!
एक पैग़ाम मेरे साईं के नाम
साईं की पुत्री
आँचल साईं चावला