ॐ साईं राम
बाबा जी दुःख में सब आपका सिमरन करते है,
सुख में करता न कोई,
क्यों दुनिया स्वार्थी है बाबा,
समझता क्यों नहीं कोई,
कुछ नहीं है हमारा साईं,
सब दें आपकी ही है,
सब रह जाता है यहीं बाबा,
आप हमेशा है सहाई,
सुख में आप न देखो भक्त को,
दुःख में दौड़े आते हो,
इतना प्रेम बाबा आप अपने भक्तो पे लुटाते हो,
सिखा दो बाबा आप सबको दुश्मन से भी प्रेम करना,
फिर न रहेगा कोई स्वार्थी,
और न मोह माया में फसेगा,
जब से शरण में आपकी आई हूँ,
दुनिया न मुझे अच्छी लगे,
मन करे बस बाबा पास आपके बैठी रहूँ,
घर द्वार न जाना पड़े,
ध्यान में आपके मगन रहूँ
न उलझन कोई घेरे,
बाबा आप तो दया का भंडार हो,
कर दो दया अपनी बेटी पर,
चरणों में अपने रख लो मुझे,
भटकूँ न मैं इधर-उधर
एक प्रार्थना
बाबा जी की बेटी
आंचल साईं चावला