ॐ साईं राम
शराबी : मैं गम में पीता हूँ ...
साईं भक्त : हम गम को पीते हैं ...
शराबी : मैं गम भुलाने के लिए पीता हूँ ..
साईं भक्त : हम भूलकर गम पी जाते हैं
शराबी : मुझे मेरी प्रेमिका की याद सताती है
साईं भक्त : हम हरदम हमारी प्रेमिका की याद में जीते हैं
शराबी : वह मुझे छोड़ कर और किसी के पीछे चली गयी
साईं भक्त : हम हमेशा हमारी प्रेमिका के पीछे जाते हैं
शराबी : काश मेरा दिल यह समझ पाता वह अब मेरी नहीं रही
साईं भक्त : काश मैं तुम्हें समझा पाता मेरा प्रेमी मेरे दिल में ही रहता है
शराबी : तुम्हारी बात सुनकर जो पी थी उतर गयी
साईं भक्त : हम बिना पीकर नशे में रहते हैं
शराबी : तो तुम क्या पीते हो और तुम्हारी प्रेमिका कौन है
शराबी : हम साईं की भक्ति का अमृत पीते है, और हमारी प्रेमिका ....
हमारे साईंबाबा है |